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प्राकृतिक रूप से हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए सबसे अच्छा हीमोग्लोबिन भोजन
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प्राकृतिक रूप से हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए सबसे अच्छा हीमोग्लोबिन भोजन
हीमोग्लोबिन, जो लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला आयरन से भरपूर प्रोटीन होता है, आपके रक्त को लाल रंग देता है। यह शरीर के हर भाग में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है। ऑक्सीजन पहुंचाने के साथ ही, यह कोशिकाओं से कार्बन डाएऑक्साइड को हटाने और निष्कासन के लिए फ़ेफ़ड़ों तक उसे ले जाने का काम करता है। मूल रूप से, हीमोग्लोबिन बहुत जरूरी प्रोटीन है, जो सेहतमंद जीवन जीने के लिए महत्वपूर्ण है।
आपका हीमोग्लोबिन कम होने पर क्या होता है?
कंप्लीट ब्लड काउंट (सीबीसी) टेस्ट करवाएं और पता लगाएं कि आपको एनिमिया है या नहीं।
हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर के अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, इस कारण कई समस्याएं होने लगती हैं जैसे थकान, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, सांस फूलना, दिल का तेज़ धड़कना, त्वचा का पीला पड़ना वगैरह। रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी हो एनीमिया कहते हैं।
भारत में हीमोग्लोबिन की कमी एक सामान्य बात है, ऐसा महिलाओं में ख़ास तौर पर होता है। वयस्क पुरुषों में हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर 14 से 18 g/dL होना चाहिए वहीं महिलाओं में 12 से 16 g/dL के बीच। इससे कम स्तर होने पर व्यक्ति को एनीमिया हो सकता है।
आपको अपने हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ाने और उसके स्तर को बनाए रखने में आपकी डाएट अहम भूमिका निभाती है।
नीचे हीमोग्लोबिन के सबसे अच्छे भोजन बताए गए हैं जो अपके हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाते हैं :
1. चुकंदर :
चुकंदर प्राकृतिक आयरन, मैगनीशियम, कॉपर, फ़ॉस्फ़ोरस और विटामिन बी1, बी2, बी6, बी12 और सी से भरपूर होता है। इस सब्जी में मौजूद पोषण का खजाना आपको हीमोग्लोबिन काउंट बढ़ाने और नई लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। इसे आप सलाद में कच्चा या पका कर खा सकते हैं। वैकल्पिक तौर पर आप इसे ब्लेंड करके चुकंदर का जूस भी तैयार कर सकते हैं।
2. सहजन की पत्तियां:
सहजन की पत्तियां जिंक, आयरन, कॉपर, मैग्नीशियम जैसे मिनिरल और विटामिन ए, बी और सी से भरपूर होती हैं। अच्छी तरह से कटी सहजन की कुछ पत्तियां लीजिए और उसे पीसकर पेस्ट बना लें। इसमें एक टेबल स्पून पिसा हुआ गुड़ मिला लें। सुबह के नाश्ते के साथ इस चूर्ण का नियमित तौर पर सेवन करें जिससे अपका हीमोग्लोबिन का स्तर और लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या बढ़ती है।
3. हरी पत्तेदार सब्ज़ियां
हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए पालक, सरसों, सेलेरी और ब्रोक्ली जैसी आयरन से भरपूर हरी पत्तेदार सब्ज़ियां खा सकते हैं। आपको पालक पकाकर खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि कच्ची पत्तियों में ऑग्जैलिक एसिड होता है जो आयरन को शरीर में एब्ज़ॉर्ब नहीं होने देता। यह हरी पत्तेदार सब्ज़ी विटामिन बी12, फ़ोलिक एसिड और अन्य जरूरी पोषण का प्राकृतिक स्रोत होती है। अगर आप अपना हीमोग्लोबिन बढ़ाना चाहते हैं तो आपको इसे रोजाना अपनी थाली का हिस्सा बनाना चाहिए।
ब्रोकली आयरन, बी कॉम्पलेक्स विटामिन, फ़ोलिक एसिड के साथ ही अन्य जरूरी पोषक तत्व जैसे मैग्नीशियम, विटामिन ए और सी से भरपूर है। इसके साथ ही हरी सब्जियां कम कैलोरी की होती हैं और यह डाएट्री फ़ाइबर का अच्छा स्रोत होती हैं। इसलिए ये आपको वजन घटाने और पाचन दुरुस्त करने में भी मदद करती हैं।
4. खजूर, किशमिश और अंजीर:
खजूर और किशमिश से आयरन और विटामिन सी प्राप्त होता है। वहीं अंजीर आयरन, मैगनीशियम, विटामिन ए और फ़ोलेट से भरपूर होते हैं। एक मुठ्ठी सूखी अंजीर, किशमिश और दो या तीन खजूर को रोजाना सुबह सेवन करने से आपको तुरंत एनर्जी मिलती है और आपका हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है। हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने के लिए आपको अंजीर का दूध रात को सोते समय सप्ताह में दो बार पीने की सलाह दी जाती है। मधुमेह रोगियों को इस तरह के मेवे का संतुलित मात्रा में सेवन करना चाहिए।
5. तिल के बीज :
काले तिल के बीज खाने से भी आप आपने आयरन का सेवन बढ़ा सकते हैं क्योंकि ये आयरन, कैलशियम, मैग्नीशियम, कॉपर, जिंक, सेलेनियम और विटामिन बी6, ई और फ़ोलेट से भरपूर होता है। आप थोड़े पानी में इन्हें रात भर भिगो सकते हैं और अगली सुबह इस पानी को पी सकते हैं। एक चम्मच सूखे भुने काले तिल के बीज को एक चम्मच शहद में मिलाकर गोलाकार बना लें। अपने आयरन के स्तर को बढ़ाने के लिए इस पौष्टिक लड्डू का नियमित सेवन करते रहें। इन बीज को आप अपने सेरेल्स या ओटमील या दही या फलों के सलाद पर छिड़क सकते हैं।
घर पर हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने के लिए कुछ अन्य टिप्स
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फलों पर निर्भर हों :
एप्रिकॉट, सेब, अंगूर, केला, अनार, और तरबूज हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने मे बेहद सहायक होते हैं। जब बात हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने की हो तो सेब सबसे अच्छा विकल्प है क्योंकि इनमें आयरन की मात्रा सबसे ज्यादा मात्रा होती है। अनार प्रोटीन, फ़ाइबर के साथ आयरन और कैलशियम का अच्छा स्रोत होता है। इसके पोषण तत्वों के कारण यह कम हीमोग्लोबिन वालों में काफी लोकप्रिय है। आपकी सेरेल या ओटमील की कटोरी में यह फल हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ा देता है। थोड़ी मिठास के लिए आप इन्हें अपनी सलाद की प्लेट में भी शामिल कर सकते हैं या फिर मिल्कशेक, स्मूदी या फ्रूट जूस बना सकते हैं।
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लोहे के बर्तन में खाना पकाएं :
ऐसा इसलिए है, क्योंकि लोहे का बर्तन आपके भोजन में आयरन की मात्रा बढ़ा देता है, इससे यह भोजन हीमोग्लोबिन की कमी वाले लोगों के अनुसार बन जाता है।
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·विटामिन सी से भरपूर भोजन खाएं :
अपनी डाएट में विटामिन सी की मात्रा बढ़ाएं जिससे कि शरीर को आयरन एब्सॉर्ब करने में मदद मिले। गूज़बेरी, संतरे, नीबू, स्वीट लाइम, स्ट्रॉबेरी, बेल पेपर, टमाटर, ग्रेपफ़्रूट, बेरी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें क्योंकि ये सभी विटामिन सी से भरपूर होते हैं। विटामिन सी से भरपूर इन प्राकृतिक स्रोतों के नियमित सेवन की आदत डालें।
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आयरन ब्लॉकर से बचें :
ऐसा भोजन खाने से बचें जो शरीर को आयरन एब्सॉर्ब नहीं करने देता। ऐसा खास तौर पर तब करें जब आपके शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो। ऐसे हीमोग्लोबिन से भरपूर भोजन के सेवन से भी बचें जिनमें पॉलीफ़िनॉल, टेनिन्स, फ़ाएटेट, और ऑक्जैलिक एसिड की मात्रा अधिक हो, जैसे चाय, कॉफ़ी, कोकोआ, साया उत्पाद, वाइन, बियर, कोला और गैस से भरे ड्रिंक।
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मॉडरेट से हाई इंटेंसिटी वाला वर्कआउट करें :
जब आप व्यायाम करते हैं तो आपका शरीर ऑक्सीजन की बढ़ती जरूरत को पूरा करने के लिए ज्यादा हीमोग्लोबिन बनाने लगता है।
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जरूरत पड़ने पर सुपर सप्लीमेंट शामिल करें :
हीमोग्लोबिन की कमी के कुछ मामले केवल डाएट में बदलाव करके ठीक नहीं किए जा सकते हैं। आपको ओरल आयरन सप्लीमेंट या अन्य उपचार लेने की जरूरत पड़ सकती है। आयरन सप्लीमेंट लेना शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना न भूलें।
अपना हीमोग्लोबिन लेवेल टेस्ट समय समय पर करवाते रहें। इससे आपको हीमोग्लोबिन के स्तर में आने वाली कमी के बारे में पहले ही पता चल सकेगा और आप समय रहते उचित कदम उठा सकते हैं।