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लिपिड प्रोफ़ाइल टेस्ट : क्या है, इसका उद्देश्य, तैयारी और रिजल्ट
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लिपिड फैटी एसिड और उनके डेरिवेटिव्स हैं जो हमारे शरीर में होते हैं। सभी लिपिड बुरे नहीं होते; वास्तव में, लिपिड शरीर के फंक्शनिंग में जरूरी भूमिका निभाते हैं क्योंकि वे सेल मेम्ब्रेन और हार्मोन का हिस्सा होते हैं, कुशनिंग देते हैं और एनर्जी का भंडार होते हैं। हालांकि, कुछ प्रकार के लिपिड का हाई लेवल हानिकारक है, विशेष रूप से हृदय स्वास्थ्य के लिए। लिपिड प्रोफ़ाइल टेस्ट हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के लिपिड को मापता है। लिपिड प्रोफाइल टेस्ट, इसके महत्व, तैयारी और रिजल्ट के बारे में ज्यादा जानने के लिए आगे पढ़ें।
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट क्या है?
लिपिड प्रोफ़ाइल टेस्ट एक ब्लड टेस्ट है जो ब्लड में विभिन्न प्रकार के लिपिड को मापता है। लिपिड प्रोफ़ाइल टेस्ट को लिपिड पैनल, लिपिड टेस्ट, कोलेस्ट्रॉल टेस्ट आदि नामों से भी जाना जाता है। यह चार अलग-अलग तरह के कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के लेवल को मापता है।
• एलडीएल (कम डेंसिटी वाले लिपोप्रोटीन): एलडीएल वह कोलेस्ट्रॉल है जिसे "खराब कोलेस्ट्रॉल" माना जाता है क्योंकि यह धमनियों में प्लाक बनाता है और हृदय स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव डालता है। इस प्रकार, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को लोअर रेंज में बनाए रखा जाना चाहिए।
• वीएलडीएल (बहुत कम डेंसिटी वाले लिपोप्रोटीन): खाना खाने के तुरंत बाद वीएलडीएल ब्लड में दिखाई देता है। एक लिपिड प्रोफ़ाइल उपवास टेस्ट के रूप में किया जाता है, और अगर ब्लड के सैंपल में वीएलडीएल बढ़ा हुआ है, तो यह कुछ मेटाबोलिक रोग का संकेत हो सकता है।
• एचडीएल (हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन): एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को "अच्छा कोलेस्ट्रॉल" भी कहा जाता है क्योंकि यह खराब एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को दूर करने में मदद करता है और इसके निर्माण को रोकता है।
• टोटल कोलेस्ट्रॉल: यह आपके शरीर में सभी विभिन्न प्रकार के कोलेस्ट्रॉल, यानी एलडीएल + वीएलडीएल + एचडीएल का योग है।
• ट्राइग्लिसराइड्स: हमारा शरीर फालतू कैलोरी को ट्राइग्लिसराइड्स में बदल देता है और इसे शरीर में बॉडी फैट के रूप में स्टोर करता है। ट्राइग्लिसराइड्स का हाई लेवल हृदय, लिवर और पैंक्रीआस के लिए हानिकारक है।
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट क्यों किया जाता है?
आपके हृदय संबंधी रिस्क फैक्टर के बारे में पता लगाने के लिए लिपिड प्रोफ़ाइल टेस्ट किया जाता है। बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल लेवल यह संकेत दे सकता है कि आपको एथेरोस्क्लेरोसिस, हाइपरटेंशन, हार्ट अटैक (मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन), या स्ट्रोक जैसी हृदय संबंधी समस्याओं से पीड़ित होने का ज्यादा खतरा हो सकता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल के कारण कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देता है। इसलिए ब्लड में लिपिड लेवल की जांच करने के लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट करते हैं और हृदय स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव पड़ने से पहले ही बढ़े हुए लेवल का पता लगा लेते हैं। लिपिड पैनल का प्रयोग एक उपकरण के रूप में भी किया जाता है:
• फैटी लीवर या पैंक्रिअटिटिस जैसी अन्य स्थितियों का निदान करें।
• अगर आप पहले से ही हाई कोलेस्ट्रॉल का इलाज करा रहे हैं तो कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाओं के प्रभाव पर नजर रखें।
• अगर आपका लिपिड प्रोफ़ाइल टेस्ट पहले एब्नार्मल था तो हाइपरलिपिडिमिया की प्रोग्रेस पर नजर रखें।
लिपिड प्रोफ़ाइल टेस्ट किसे करवाना चाहिए?
आपको लिपिड प्रोफ़ाइल टेस्ट करवाना चाहिए अगर:
• आप 45 वर्ष से ज्यादा आयु के पुरुष हैं या 50 वर्ष से ज्यादा आयु की महिला हैं।
• धूम्रपान करते हैं
• मोटे हैं
• आपको हाई ब्लड प्रेशर या मधुमेह है
• आपके परिवार के किसी सदस्य को कम उम्र में हृदय रोग का इतिहास रहा हो (पुरुषों के लिए 55 वर्ष से कम और महिलाओं के लिए 65 वर्ष से कम)।
जींस या ज्यादा वजन के कारण भी बच्चों में कोलेस्ट्रॉल का लेवल हाई हो सकता है। आपको यह सुझाव दिया जाता है कि 45-65 वर्ष की आयु सीमा के पुरुषों और 55-65 वर्ष की आयु सीमा वाली महिलाओं को हर 1-2 साल में और 65 वर्ष की आयु के बाद हर साल लिपिड पैनल टेस्ट कराना चाहिए।
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कैसे किया जाता है?
लिपिड प्रोफ़ाइल टेस्ट एक ब्लड टेस्ट है। इस टेस्ट को करने के लिए, लैब तकनीशियन आपकी ऊपरी बांह पर एक इलास्टिक बैंड बांधता है और आपको मुट्ठी बनाने के लिए कहा जाता है। इससे नसों में ब्लड प्रवाह बढ़ता है। किसी भी इन्फेक्शन को रोकने के लिए बांह की नस के आसपास की त्वचा को साफ किया जाता है और सुई को नस में डाला जाता है। फिर एक सिरिंज का उपयोग करके ब्लड निकाला जाता है, और सैंपल को टेस्टिंग के लिए लैब में भेजा जाता है। टेस्ट के रिजल्ट आने में 1-2 दिन लगते हैं।
लिपिड प्रोफ़ाइल टेस्ट की कीमत क्या है?
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट की कॉस्ट मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर में मात्र 800 रुपए है।
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट के लिए क्या किसी स्पेशल तैयारी की जरूरत है?
हां, लिपिड प्रोफ़ाइल टेस्ट से 10-12 घंटे का उपवास करना होता है। अगर यह टेस्ट खाली पेट किया जाए तो रिजल्ट सही आते हैं। इसे आमतौर पर रात भर के उपवास के बाद सुबह में किया जाता है। उपवास की अवधि के दौरान पानी पी सकते हैं, लेकिन चाय या कॉफी नहीं पीना।
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट का रिजल्ट कैसे समझें?
लिपिड का लेवल ब्लड के प्रति डेसीलीटर मिलीग्राम में मापा जाता है। विभिन्न प्रकार के लिपिड के लिए सामान्य मान इस प्रकार हैं:
• टोटल कोलेस्ट्रॉल: 200 मिलीग्राम/डीएल से कम।
• एचडीएल (हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन) कोलेस्ट्रॉल: 60 मिलीग्राम/डीएल से ज्यादा।
• एलडीएल (कम डेंसिटी वाले लिपोप्रोटीन) कोलेस्ट्रॉल: 100 मिलीग्राम/डीएल से कम; मधुमेह वाले लोगों के लिए 70 मिलीग्राम/डीएल से कम।
• ट्राइग्लिसराइड्स: 150 मिलीग्राम/डीएल से कम।
विभिन्न लिपिड के मान यह निर्धारित करते हैं कि क्या आप हृदय संबंधी समस्याओं के विकसित होने के कम, बॉर्डरलाइन, मध्यवर्ती या हाई रिस्क पर हैं। आमतौर पर, नार्मल से ज्यादा एलडीएल कोलेस्ट्रॉल, टोटल कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और कम एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़े हुए रिस्क का संकेत देता है।
अगर आपका लिपिड प्रोफ़ाइल टेस्ट एब्नार्मल है तो आगे क्या करें?
एक एब्नार्मल लिपिड प्रोफ़ाइल टेस्ट, मतलब हाई एलडीएल, टोटल कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स, और/या कम एचडीएल लेवल, का हमेशा यह मतलब नहीं होता है कि आपको इसके लिए ट्रीटमेंट की जरूरत है। अबनॉरल माने जाने वाले मान कई अन्य कारकों पर निर्भर करते हैं। आपका चिकित्सक आपके लिपिड लेवल को देखेगा और आपकी उम्र, पारिवारिक इतिहास, चिकित्सा इतिहास, आप वर्तमान में जो दवाएं ले रहे हैं, आदि को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लेगा कि ट्रीटमेंट की जरूरत है या नहीं।
आप आहार में बदलाव, नियमित व्यायाम और वजन कम करके (अगर ज्यादा वजन है) जैसे कुछ स्वस्थ लाइफस्टाइल बदलाव करके अपने लिपिड लेवल को कम कर सकते हैं। आपको कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने और हृदय रोगों के रिस्क को कम करने में मदद करने के लिए कुछ कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं भी दी जा सकती हैं।
आपका हेल्थ केयर प्रोवाइडर आपको रेगुलर इंटरवल पर लिपिड प्रोफाइल टेस्ट दोहराने का सुझाव दे सकता है।
निष्कर्ष
एब्नार्मल टेस्ट रिजल्ट होना तनावपूर्ण हो सकता है। हालांकि, एब्नार्मल लिपिड प्रोफ़ाइल रिजल्ट हमेशा चिंताजनक नहीं होते हैं। आपका हृदय संबंधी रिस्क कोलेस्ट्रॉल के लेवल के अलावा कई अन्य कारकों से निर्धारित होता है। आपका चिकित्सक इस बारे में सही निर्णय लेगा कि आपको अपने लिपिड लेवल के लिए ट्रीटमेंट की जरूरत है या नहीं।