Do you have any queries?

or Call us now at 9982-782-555

back-arrow-image Search Health Packages, Tests & More

Language

Liver Cirrhosis in Hindi: (लिवर सिरोसिस) लक्षण, कारण, टेस्ट और इलाज

15640 Views

0

लिवर इंसान के शरीर का एक प्रमुख अंग है जो पित्त से शरीर से हानिकारक पदार्थों को डीटॉक्सिफाई करने के साथ-साथ कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट्स के मेटाबॉलिज़्म का काम करता है। यह प्रोटीन और क्लॉटिंग कारकों के उत्पादन के लिए एक प्रमुख स्थल के रूप में भी काम करता है। यह शरीर के लिए ग्लाइकोजन भंडार के साथ-साथ ज़रूरी विटामिन और मिनरल्स की स्टोरेज का भी काम करता है।

लिवर फंक्शन टेस्ट से अपने लिवर हेल्थ पर नज़र रखें।

यहां, लीवर सिरोसिस के लेट-स्टेज की लीवर बीमारी के बारे में बताया गया है, यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें लीवर की सामान्य संरचना को फाइब्रोटिक टिशू द्वारा रिप्लेस किया जाता है। आमतौर पर सिरोसिस होने के बाद, यह ठीक नहीं किया जा सकता। क्योंकि समय के साथ लिवर में फाइब्रोसिस के कारण सामान्य कार्य अटक होते हैं, जिससे कईं कॉम्प्लीकेशन्स होती हैं, और सबसे बड़ी परेशानी है पोर्टल हाइपरटेंशन, जिसे पोर्टल वीन (संपूर्ण जीआईटी से ब्लड निकलना) से लिवर की ओर आने वाले ब्लड को लिवर में फाइब्रोसिस के कारण ज़्यादा रुकावट का सामना करना पड़ता है। पोर्टल हाइपरटेंशन वाले रोगियों में लो ब्लड प्लेटलेट काउंट और बढ़ी हुई स्प्लीन होती है।

लिवर सिरोसिस के लक्षण

सिरोसिस के लक्षण लिवर में फाइब्रोसिस के लेवल को बताते हैं। शुरुआती लक्षणों में थकान या कमजोरी महसूस होना, भूख न लगना, वज़न कम होना, मतली, उल्टी, पेट में हल्का दर्द या परेशानी आदि शामिल है। लिवर के कामों में कमी से जुड़ी अन्य लक्षण हैं पीलिया जमाव विकार, एन्सेफैलोपैथी आदि।

अगर समय पर ध्यान ना दिया जाए तो लीवर का कोई भी विकार सिरोसिस का कारण बन सकता है, सबसे आम कारण क्रोनिक शराब पीना, हेपेटाइटिस बी और सी वायरस जैसे लीवर को प्रभावित करने वाले क्रोनिक वायरल इन्फेक्शन, पित्त सिरोसिस, ऑटोइम्यून लीवर में सूजन और हेरेडिटरी लीवर विकार शामिल हैं। कुल मिलाकर पुरानी शराब की आदत भारत और दुनिया भर में सिरोसिस का एक प्रमुख कारण बनी हुई है। लिवर सिरोसिस का कारण बनने वाली शराब के सही डाइग्नोसिस के लिए पेट के ऊपरी हिस्से में अस्पष्ट दर्द, मतली, उल्टी, दस्त और यहां तक कि अस्वस्थता जैसे लक्षणों के साथ-साथ शराब की मात्रा और अवधि के बारे में सही जानकारी की ज़रुरत होती है। इस बीच कुछ मरीज़ों में सीधे पेट में फैलाव, सूजन और यहां तक कि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल वेरिसियल ब्लीडिंग जैसी सिरोसिस हो सकते हैं।

लिवर सिरोसिस के लिए टेस्ट

लैब टेस्ट में आमतौर पर लो प्लेटलेट काउंट के साथ पोषण की कमी और एनीमिया जैसे गंभीर ब्लड लॉस के लक्षण सामने आ सकते हैं।

• लिवर फ़ंक्शन टेस्ट सीरम बिलीरुबिन में हल्की बढ़ोत्तरी दिखा सकते हैं क्योंकि लिवर में फाइब्रोसिस ब्लड में लिवर एंजाइमों के लेवल में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ इसके उन्मूलन में बाधा डालता है, एएलटी और एएसटी दोनों बढे हुए हैं लेकिन एएसटी का लेवल लगभग 2 के अनुपात में एएलटी से ज़्यादा है: 1 अल्कोहोलिक लिवर रोग और सिरोसिस के विशिष्ट लक्षण हैं।

• कौगुलशन प्रोफ़ाइल पीटी (PT) समय में बढ़ोत्तरी दिखा सकती है।

• लिवर बायोप्सी से सिरोसिस की पैथोलॉजिकल पुष्टि की जा सकती है।

• जिन लोगों में सिरोसिस करने वाले वायरस का अंदाज़ा होता है उनके लिए मात्रात्मक एचबीवी डीएनए लेवल के साथ-साथ एचसीवी आरएनए, एचबीएसएजी, एचबीईएजी और एंटी एचबीई स्तरों का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट किया जा सकता है।

• सिरोसिस के ऑटोइम्यून कारणों के लिए, ब्लड में एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी (एएनए) या एंटी-स्मूथ-मसल एंटीबॉडी (एएसएमए) का लेवल चेक किया जा सकता है।

• एंटी-माइटोकॉन्ड्रियल ऑटो-एंटीबॉडी (एएमए) कोलेस्टेसिस के अन्य लक्षणों के साथ-साथ पित्त संबंधी कारणों से होने वाले सिरोसिस रोगियों में मौजूद होते हैं।

• फाइब्रोस्कैन लीवर में फाइब्रोसिस के लेवल और भविष्य में लीवर ट्रांसप्लांट की ज़रुरत का पता लगाने में मदद कर सकता है।

• जिन रोगियों में सिरोसिस से जुड़े रिस्क फैक्टर मौजूद हैं, उनके लिए पोर्टल हाइपरटेंशन के विकास को जल्द से जल्द जानना समझदारी है। एससीटिक फ्लूइड पैदा होना, लो प्लेटलेट काउंट (थ्रोम्बोसाइटोपेनिया) और लो डब्लूबीसी काउंट (ल्यूकोपेनिया) जैसी हाइपरस्प्लेनिज़्म की विशेषताओं के प्रति सतर्क रहना चाहिए।

• एंडोस्कोपी की मदद से सिरोसिस की शुरुआत में संदिग्ध रोगियों में वैरिसियल ब्लीडिंग को रोकना ज़रूरी है।

• इसके अन्य कारणों का पता लगाने के लिए एससीटिक फ्लूइड की स्टडी की जा सकती है।

• इनके अलावा सिरोसिस और पोर्टल हाइपरटेंशन के लेवल चेक करने के लिए सीटी स्कैन या पेट का एमआरआई जैसी रेडियोलॉजिकल टेस्ट भी किए जाने चाहिए।

लिवर सिरोसिस का इलाज

सिरोसिस वाले लोगों का इलाज मुख्य रूप से 2 मुख्य घटकों के इर्द-गिर्द घूमता है - पहला इटियोलॉजी को मैनेज करना और दूसरा सिरोसिस के कारण उत्पन्न होने वाली कॉम्प्लीकेशन्स को मैनेज करना जिनके लिए विशिष्ट प्रबंधन की ज़रुरत होती है।

सामान्य तौर पर, आपके आहार से नमक कम करना और एक प्रकार की दवा लेना शामिल है जिसे मूत्रवर्धक कहा जाता है।

• शराब के सेवन के कारण लीवर सिरोसिस होने वाले लोगों के लिए परहेज़ ज़रूरी है। जो मरीज़ शराब से दूर रहने में असमर्थ हैं, उनमें 5 साल तक जीवित रहने की क्षमता भी कम देखी गई है।

• कभी-कभी अल्कोहलिक सिरोसिस के रोगियों को ग्लूकोकार्टोइकोड्स या ओरल पेंटोक्सिफाइलाइन (प्रो इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स में कमी लाने वाली दवा) के उपयोग से फायदा होता देखा गया है।

• वायरल एटियोलॉजी के कारण सिरोसिस होने वाले रोगियों के लिए एंटीवायरल दवाओं से फायदा होता है। हेपेटाइटिस बी वायरस के लिए एंटेकाविर या टेनोफोविर उपयोगी हैं, और हेपेटाइटिस सी वायरस के कारण सिरोसिस वाले रोगियों के लिए प्रत्यक्ष एंटीवायरल ने पेगीलेटेड इंटरफेरॉन और रिबाविरिन के उपयोग को बदल दिया है।

• लीवर की ऑटोइम्यून सूजन के कारण सिरोसिस होने वाले लोगों के लिए, इम्यूनोसप्रेसिव थेरेपी उपयोगी है।

• यूडीसीए (UDCA) को पित्त ठहराव के एटियोलॉजी वाले सिरोसिस रोगियों की मदद करने के लिए दिखाया गया है।

सिरोसिस से होने वाली कॉम्प्लीकेशन्स का मैनेजमेंट पोर्टल हाइपरटेंशन की कॉम्प्लीकेशन्स और एसिटस के मैनेजमेंट से जुड़ा हुआ है। लीवर सिरोसिस के एडवांस मामलों में, लीवर ट्रांसप्लांट ही एकमात्र इलाज हो सकता है क्योंकि लीवर शायद काम ना कर रहा हो।

अपने डॉक्टर की सलाह मानें और उअके अनुसार टेस्ट करवाएं।

Talk to our health advisor

Book Now

LEAVE A REPLY

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular Tests

Choose from our frequently booked blood tests

TruHealth Packages

View More

Choose from our wide range of TruHealth Package and Health Checkups

View More

Do you have any queries?