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एएनए टेस्ट : पॉजिटिव लक्षण, प्रक्रिया, और परिणाम
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इंसान का शरीर इन्फेक्शन और बीमारियों पैदा करने वाले वायरस और बैक्टीरिया से बचने के लिए एंटीबॉडी बनता है। दूसरी ओर, एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडीज शरीर के कुछ हिस्सों को बाहरी पदार्थ समझ लेते हैं और उन पर अटैक करते हैं, जिससे शरीर को नुकसान होता है।
एंटीबॉडी एक तरह के प्रोटीन होते हैं जो इम्म्यून सिस्टम द्वारा बैक्टीरिया, वायरस और अन्य खतरनाक फॉरन चीज़ों से लड़ने के लिए बनाए जाते हैं। इनका निर्माण वाइट ब्लड सेल्स (बी सेल्स) द्वारा होता है। अगर किसी एंटीबॉडी को किसी फॉरन इन्फेक्शईयस जीव के प्रोटीन मिलते हैं, तो यह इन्फेक्शन को दूर रखने में मदद करने के लिए बाकी सेल्स को काम पर लगता है। इस प्रक्रिया को इन्फ्लेम्शन कहा जाता है।
कभी-कभी इम्म्यून सिस्टम शरीर के अंदर के एजेंटों को एक्सटर्नल अटैक समझ सकता है। इसके बाद यह विशिष्ट एंटीबॉडीज़ बनता है जिन्हें "ऑटोएंटीबॉडीज़" कहा जाता है, जो शरीर की सेल्स और टिशूस पर अटैक करते हैं, और जॉइंट्स, स्किन और मसल्स को नुकसान पहुंचाते हैं।
जो एंटीबॉडी सेल के न्यूक्लियस में "सामान्य" प्रोटीन का लक्ष्य रखती हैं, उन्हें एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी (एएनए) कहा जाता है। एएनए (ANA) की उच्च मात्रा ल्यूपस, हाशिमोटो के थायरॉयडिटिस, स्क्लेरोडर्मा, पॉलीमायोसिटिस, स्जोग्रेन सिंड्रोम, मिक्स्ड कनेक्टिव टिशू रोग, ड्रग-इंडयूस्ड ल्यूपस, इंफ्लेमेटरी आंत्र रोग और ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों के बारे में बताती है।
एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी टेस्ट कब करवाना चाहिए
एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी टेस्ट शरीर में विशेष प्रकार के एंटीबॉडी की पहचान करने में मदद कर सकता है।
कैंसर से पीड़ित मरीज़ या जिन मरीज़ों को विशेष दवाएँ दी जा रही हैं, उनका एएनए (ANA) टेस्ट पॉज़िटिव आ सकता है। कभी-कभी, स्वस्थ लोगों का भी टेस्ट पॉज़िटिव होता है। हालांकि, डॉक्टर बता सकते है कि रिज़ल्ट नार्मल है या डायग्नोज़ के लिए आपको और टेस्ट करवाने होंगे।
अगर आपको यह लक्षण हैं, तो आपके डॉक्टर एएनए टेस्ट का सुझाव दे सकते हैं:
- जॉइंट्स और/या मसल्स में दर्द, स्टिफनेस या सूजन
- थकान
- बार-बार या लगातार बुखार आना
- तितली जैसा लाल चकत्ता जो गालों और नाक के कोने में हो
- कमज़ोरी
- लाइट सेंसिटिविटी
- हाथों या पैरों में सुन्नता और झुनझुनी
- बाल झड़ना
एएनए टेस्ट की प्रक्रिया
चूंकि एएनए टेस्ट काफी सही रिज़ल्ट देता है, यह ल्यूपस जैसी स्थितियों के लिए पहला टेस्ट है। ल्यूपस वाले 95% से अधिक लोगों के पॉज़िटिव टेस्ट रिज़ल्ट होते हैं, जिसका मतलब है कि नेगेटिव टेस्ट का संकेत है कि बीमारी मौजूद नहीं है। हालांकि, पॉज़िटिव एएनए वाले 15% से भी कम लोगों में ल्यूपस होता है, और पूरी तरह से स्वस्थ लोगों में से 15% तक का एएनए टेस्ट भी पॉज़िटिव होता है। इसलिए, पॉज़िटिव एएनए टेस्ट का मतलब यह नहीं है कि आपको ऑटोइम्यून स्थिति है।
एएनए टेस्ट के दौरान, आमतौर पर बांह से एक छोटी सुई से ब्लड सैंपल लिया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में पांच मिनट से ज़्यादा समय नहीं लगता है।
इस टेस्ट के लिए किसी विशेष तैयारी की ज़रुरत नहीं होती है। कुछ व्यक्तियों को जहां सुई लगाई गई थी वहां हल्की सूजन हो सकती है, लेकिन वे आमतौर पर जल्दी ही ठीक हो जाते हैं।
एएनए टेस्ट के तरीके
एएनए चेक करने के लिए कई तरीके हैं, जिससे रिज़ल्ट को समझना मुश्किल हो जाता है। सबसे आम तरीका ब्लड टेस्ट है जिसे फ्लोरोसेंट एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी टेस्ट या एफएएनए कहा जाता है। फ्लोरोसेंट-लेबल वाले एंटीबॉडी को माइक्रोस्कोप पर एक ग्लास स्लाइड के साथ देखा जाता है, और फ्लोरोसेंस का आकार और चमक एंटीबॉडी के लेवल का पता करने में मदद करती है।
अन्य विधि को इनडाइरेक्ट इम्यूनोफ्लोरेसेंस असे (आईएफए) कहा जाता है। इस टेस्ट में, डॉक्टर माइक्रोस्कोपिक स्लाइड पर सीरम के सैंपल में थोड़ी फ्लोरोसेंट डाई मिलाते हैं। फिर इस स्लाइड को एक विशेष माइक्रोस्कोप के नीचे रखा जाता है। चूंकि फ्लोरोसेंट डाई सैंपल में किसी भी एंटीबॉडी से जुड़ जाती है, एएनए माइक्रोस्कोप के नीचे फ्लोरोसेंट सेल्स के रूप में दिखाई देते हैं।
एएनए टेस्ट के रिज़ल्ट
नेगेटिव एएनए टेस्ट बताता है कि शरीर में कोई ऑटोएंटीबॉडी मौजूद नहीं है, और पॉज़िटिव रीडिंग का मतलब यह नहीं है कि कोई ऑटोइम्यून स्थिति मौजूद है।
• 3-15% स्वस्थ व्यक्तियों के सिस्टम में एएनए मौजूद होता है। उम्र के साथ ऑटोएंटीबॉडी का उत्पादन बढ़ता है।
• वायरल इन्फेक्शन के कारण भी लोगों में एएनए होता है, हालांकि यह थोड़े समय के लिए ही रहता है।
• कुछ दवाएं भी एएनए में बढ़ोत्तरी का कारण बन सकती हैं। टेस्ट करवाने से पहले आप कौन सी दवा ले रहे हैं, इसके बारे में अपने डॉक्टर को बताएं।
• कैंसर के कारण भी एएनए का लेवल बढ़ सकता है।
एएनए टेस्ट ऑटोइम्यून स्थिति का संकेत नहीं देता है। यह बस डॉक्टर को बीमारी की संभावना के बारे में बताता है। हालांकि, सही जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से चेक करें।
हालांकि, पॉज़िटिव टेस्ट रिज़ल्ट यह बताता है:
• सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस (एसएलई)
• ऑटोइम्यून बीमारी
• कैंसर जैसी स्थिति
नेगेटिव एएनए टेस्ट रिज़ल्ट का मतलब है कि आपके ब्लड में कोई एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी नहीं हैं, जिसका मतलब यह भी सकता है कि आपको कोई ऑटोइम्यून बीमारी नहीं है। हालांकि, नेगेटिव एएनए टेस्ट ऑटोइम्यून विकार बीमारी संभावना को खत्म नहीं करता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. अगर मेरा एएनए परीक्षण पॉज़िटिव आता है तो क्या मुझे चिंता करनी चाहिए?
पॉज़िटिव एएनए रिज़ल्ट ऑटोइम्यून स्थिति का संकेत दे सकता है, पर यह ज़रूरी नहीं है। आगे क्या करना है यह जानने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
2. पॉज़िटिव एएनए टेस्ट के कारण हो सकते हैं?
पॉज़िटिव एएनए ऑटोइम्यून स्थिति का परिणाम हो सकता है। हालांकि, यह वायरल इन्फेक्शन या कैंसर जैसी स्वास्थ्य स्थितियों के कारण भी हो सकता है।
3. नेगेटिव एएनए टेस्ट का क्या मतलब है?
नेगेटिव एएनए टेस्ट का मतलब ऑटोइम्यून स्थिति की अनुपस्थिति नहीं है। यह बताता है कि ऐसी स्थिति की संभावना कम है।